ईसीजीसी के कार्यपालक निदेशक श्री सुबीर दास,अहमदाबाद में सीआईआई गुजरात निर्यात कॉन्क्लेव पैनलिस्ट रहे। विषय:”Our Gateway to Global Success”।
संसदीय राजभाषा समिति की तृतीय उप-समिति द्वारा बुधवार 10/09/2025 को किए गए निरीक्षण में भुवनेश्वर शाखा को “उत्कृष्ट” रैंकिंग प्राप्त हुई।
ईसीजीसी ने ₹433.80 करोड़ (वित्त वर्ष 2024-25) का लाभांश चेक माननीय मंत्री श्री पीयूष गोयल को सीएमडी श्री सृष्टिराज अंबष्ठ व ईडी श्री सुबीर दास द्वारा सौंपा।
श्री सुबीर कुमार दास और श्री अत्सुओ कुरोदा ने 21 अगस्त 2025 को TICAD9 में जापान के पीएम की उपस्थिति में पुनर्बीमा समझौते का अनावरण किया।
नागपुर शाखा द्वारा क्रेता द्वारा भुगतान में चूक के कारण पीएच मेसर्स पगारिया एक्सपोर्ट्स प्राइवेट लिमिटेड को 1,08,58,550.00 रुपये का दावा भुगतान किया गया है।
पॉलिसी दावे का ₹42.64 लाख का चेक मेसर्स टी सी टेरीटेक्स लिमिटेड को खरीदार मेसर्स एलए कॉम्पैग्नी सफी इंक, कनाडा द्वारा चूक के कारण सौंपा गया।
ईसीजीसी लिमिटेड, नई दिल्ली की शाखा प्रबंधक सुश्री आरती पांडे ने खरीदार के दिवालिया होने पर मेसर्स पेबल्स को ₹2.37 करोड़ का दावा चेक सौंपा।
ईसीआईबी डब्ल्यूटी-पीसी के तहत साउथ इंडियन बैंक लिमिटेड, बेहाला शाखा को भुगतान किया गया दावा – रु. 10,86,192.00/-
मेसर्स जय श्री टी एंड इंडस्ट्रीज लिमिटेड को भुगतान किया गया दावा – 56 लाख रुपये।
पीएम जन धन योजना के 11 सालः बैंकिंग रहित से बैंकिंग की ओर
राजकोट शाखा ने अपने पॉलिसीधारक वैलेंज़ा सिरेमिक एलएलपी को रुपये ₹ 49,02,939/- का दावा चेक प्रदान किया।
निर्यातक/बैंकरों को कोच्चि शाखा द्वारा निपटाए गए दावों के लिए दक्षिणी क्षेत्रीय कार्यालय की क्षेत्रीय प्रबंधक सुश्री शिवशंकरी एम द्वारा चेक प्रदान किया गया।
सेलम शाखा ने पॉलिसी धारक मेसर्स गुरुकरुणा टेक्सटाइल मिल्स प्राइवेट लिमिटेड को 13.08.2025 को 1,62,73,462/- रुपये का दावा भुगतान किया था।
ईसीजीसी नरीमन प्वाइंट शाखा ने यूनियन बैंक ऑफ इंडिया को ईसीआईबी डब्ल्यूटीपीसी और डब्ल्यूटीपीएस के तहत दावे का निपटान किया है।
ईसीजीसी कोच्चि शाखा ने दुबई के खरीदार द्वारा भुगतान न किए जाने के कारण मेसर्स मंगला मरीन एक्जिम प्राइवेट लिमिटेड को 92,03,288/- रुपये का दावा निपटाया।
वाराणसी शाखा ने मेसर्स जे जे प्लास्ट एलॉय प्राइवेट लिमिटेड को 7,61,429.00 रुपये का दावा भुगतान किया है।
एसटी पॉलिसी के तहत ₹1,65,84,715.00 का क्लेम नोएडा शाखा के मेसर्स न्यू दिल्ली एक्सपोर्ट हाउस, क्रेता के दिवालिया होने के कारण दावे का भुगतान किया गया।
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छद्मवेशीपन के बढ़ते मामलों से सावधान!
हाल ही में, हमारे संज्ञान में आया है कि अज्ञात विदेशी संस्थाओं द्वारा प्रतिष्ठित खरीदारों का अनुकरण कर भारतीय निर्यातकों को निर्यात ऑर्डर प्रदान किया जा रहा हैं।
कार्यप्रणाली को निम्नानुसार दर्शाया जा सकता है:
गंतव्य देश कथित प्रतिष्ठित खरीदार के देश से अलग होते है;
जिस ई मेल आई डी से ऑर्डर दिया जाता है / पत्राचार किया जाता है, वह कभी-कभी कथित प्रतिष्ठित खरीदार की ई मेल आई डी से अल्प भिन्न होता है;
सामान के समुद्री मार्ग में रहने के दौरान कथित खरीदार द्वारा प्राप्तकर्ता को परिवर्तित कर दिया जाता है;
सामान के समुद्री मार्ग में रहने के दौरान भुगतान शर्तों में परिवर्तन का अनुरोध;
कथित खरीदार द्वारा नकली स्विफ्ट भुगतान संदेश साझा किए जाते हैं।
ईसीजीसी ऑनलाइन है!
ईसीजीसी ऑनलाइन सेवाओं की दुनिया का
www.ecgcltd.in पर अन्वेषण करें।
ईसीजीसी से संबंधित मामलों के लिए सेवाएं प्रदान किए जाने हेतु आपसे संपर्क करने वाले अनधिकृत एजेंटों / परामर्शदाताओं से सावधान रहें। ईसीजीसी द्वारा कंपनी की ओर से कार्य किए जाने हेतु एजेंटों / परामर्शदाताओं को नियुक्त नहीं किया जाता है। आई आर डी ए द्वारा अनुमोदित पैनलबद्ध ब्रोकरों को केवल निर्यातकों / पॉलिसीधारकों द्वारा प्रदत्त अधिदेश के आधार पर पॉलिसियां खरीदने/सेवा प्रदान करने की मंजूरी है। निर्यातकों / पॉलिसीधारकों को इस संबंध में उचित सावधानी बरतनी चाहिए।
गैर-हैसियत धारक निर्यातकों द्वारा बरती जाने वाली अपेक्षित सावधानी!
यह ध्यान दिया जाये कि गैर-हैसियत धारक निर्यातकों को भारतीय रिज़र्व बैंक (भा रि बैं) के दिशानिर्देशों के अनुसार, विदेशी खरीदारों को सीधे दस्तावेज़ प्रेषित किए जाने की अनुमति नहीं है। गैर-हैसियत धारक निर्यातक पॉलिसीधारकों द्वारा इस संबंध में उचित सावधानी बरतना एवं भा रि बैं / प्राधिकृत डीलर (ए डी) से आवश्यक अनुमोदन, जहां भी लागू हो, प्राप्त करना सुनिश्चित करना होगा।
प्रेस विज्ञप्ति, 9 सितंबर, 2025
दिनांक 09 सितंबर, 2025 को मुंबई में आयोजित ईसीजीसी लिमिटेड की 67वीं वार्षिक साधारण बैठक (एजीएम)
भारत सरकार की निर्यात ऋण बीमा इकाई ईसीजीसी द्वारा वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए दिनांक 09 सितंबर, 2025 को अपनी 67वीं वार्षिक साधारण बैठक आयोजित की गई, जिसमें वाणिज्य सचिव सहित इसके सभी शेयरधारकों की प्रतिभागिता रही । वित्त वर्ष 2024-25 के दौरान, 17% की वृद्धि दर्ज करते हुए समर्थित निर्यात का मूल्य 8.55 लाख करोड़ रुपये रहा जो कि अब तक की उच्चतम उपलब्धि है, उक्त में से निर्यातकों को प्रदत्त रक्षा में 20% की वृद्धि, 7.54% की वृद्धि के साथ 1366.53 करोड़ रुपये की अब तक की उच्चतम सकल प्रीमियम आय तथा पिछले वर्ष की 450.31 करोड़ रुपये के प्रदत्त दावों की तुलना में 453.46 करोड़ रुपये के दावों का भुगतान प्रमुख व्यावसायिक विशेषताएं रहीं।
वित्तीय वर्ष 2024-25 के दौरान कंपनी द्वारा, पिछले वित्तीय वर्ष के ₹2858.95 करोड़ की तुलना में ₹2723.07 करोड़ का कर-पूर्व लाभ (पीबीटी) एवं ₹2076.67 करोड़ का पीएटी(कर उपरांत लाभ) दर्ज किया गया। कंपनी द्वारा अपनी वार्षिक साधारण बैठक में वित्तीय वर्ष 2024-25 हेतु ₹ 433.80 करोड़ का लाभांश घोषित किया गया है।
भारतीय निर्यातकों को सहायता प्रदान करने के उद्देश्य से कंपनी द्वारा हाल ही में लघु निर्यातकों को किफायती निर्यात ऋण प्रदान करने हेतु बैंकों के लिए 90% की वर्धित रक्षा, पुनर्निर्मित ईआरपी एवं क्लाइंट पोर्टल प्रणालियों के माध्यम से अपनी सभी प्रक्रियाओं का डिजिटलीकरण, निर्यात ऋण तथा बीमा संबंधी मामलों पर निर्यातकों एवं बैंकों की सहायता के लिए अपने केंद्रीय कार्यालय में साधारण सुविधा केंद्र की स्थापना, 10 करोड़ रुपये तक के छोटे मूल्य के दावों के निपटान के लिए सरलीकृत प्रक्रिया तथा सूक्ष्म एवं लघु निर्यातकों को संपार्श्विक-मुक्त निर्यात ऋण के लिए वर्धित बीमा रक्षा जैसे विभिन्न उपाय गए हैं। वर्तमान में कुल 20 बैंक ईसीजीसी की सम्पूर्ण पण्यावर्त ईसीआईबी रक्षा का लाभ उठा रहे हैं।
टैरिफ व्यवधानों से निपटने में भारतीय निर्यातकों को सहायता प्रदान करने हेतु कंपनी द्वारा विभिन्न उपायों की परिकल्पना की गई है जिसमें बाजार विविधीकरण सुविधा के लिए लैटिन अमेरिका, अफ्रीका, दक्षिण-पूर्व एवं पूर्वी-एशिया के देशों की समीक्षा, पुनर्विक्रय, छूट, पुनःपोतलदान, यात्रा मार्गपरिवर्तन आदि की वजह से निर्यातित माल की सुपुर्दगी नहीं होने के कारण निर्यातकों को होने वाली हानि से रक्षा प्रदान करना एवं बैंकों हेतु रक्षा में बिना किसी अतिरिक्त प्रीमियम के 50 करोड़ रुपये की निर्यात ऋण सीमा में वृद्धि शामिल है।