
विशेष योजनाएं
खरीदार को ॠण और ॠण सीमा के लिए बीमा कवर
खरीदार का ॠण भारतीय बैंक द्वारा विदेशी खरीदार को ॠण देना होता है जिससे खरीदार किसी विशिष्ट परियोजना के लिए भारत से आयात किए जाने वाले मशीनरी और उपकरण के लिए भुगतान कर सके। ॠण सीमा भारत में किसी विदेशी बैंक, संस्थान या सरकार को विदेशी देश में भारत से सूचीबद्ध सामानों की किस्त का आयात सुगम बनाने के उद्देश्य से किसी बैंक द्वारा दिया गया ॠण है। एक ॠण सीमा के अंतर्गत विदेशी देश में अनेक आयातक सामान का आयात कर सकते हैं।
ई सी जी सी ने भुगतान न करने के कतिपय जोखिमों से ॠण देने वाले बैंकों की रक्षा के लिए योजनाएं बनाई हैं। ये कवर ॠण देने वाले बैंक और ई सी जी सी के बीच एक करार का रूप लेते हैं और मामला दर मामला आधार पर जारी किए जाते हैं। ॠण की शर्ते और ॠण अवधि का समय संबंधित मदों के निर्यात के लिए उपयुक्तता के अनुरूप होगा। ॠण लेने वाले द्वारा ॠण वापस करने के लिए पर्याप्त सुरक्षा होनी चाहिए।
कवर किए गए जोखिम:
राजनैतिक
- विदेशी पक्षकार देश और भारत के बीच युद्ध होना।
- विदेशी पक्षकार देश में युद्ध, दुश्मनी, नागरी उपद्रव, क्रांति, विद्रोह, उग्रवाद या अन्य गड़बड़ी हो।
- विधि का बल रखने वाला विधि या कोई आदेश, डिग्री या विनियम का प्रचालन जो ॠण देने वाले और/या विदेशी पक्षकार के नियंत्रण के परिस्थितियों के बाहर हो जिससे वित्तीय करार के अंतर्गत विदेशी पक्षकार द्वारा ॠण देने वाले को देय राशि को स्थानांतरित करने में रुकावट, प्रतिबंध या नियंत्रण हो।
वाणिज्यिक
ॠण करार के अंतर्गत देय राशि के भुगतान के लिए और ॠण लेने वाले के दिवालिएपन के लिए ॠण लेने वाले की विस्तीर्ण चूक का जोखिम।
हानि कवरेज:
90%
कवर की अवधि:
करार के अनुसार।
- करार पर हस्ताक्षर करने के पूर्व सैद्धांतिक अनुमोदन लेना।
- संवितरण और वापसी का कार्यक्रम सूचित करना।
- अतिदेय भुगतान की सूचना देना।
- दावा फाइल करना।
- दावे की अदायगी और वसूली की हिस्सेदारी के बाद वसूली की कार्रवाई।
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