विनिर्माण कार्य पॉलिसी ( सी डबल्यु पी )

निर्यातक के लिए निर्यात ऋण बीमा

विनिर्माण कार्य पॉलिसी

निर्माण कार्य पॉलिसी उन भारतीय संविदाकारों को रक्षा प्रदान कने के लिए बनाई गई है जो विदेशों में सिविल निर्माण कार्य निष्पादित करते हैं। निर्माण संविदा की विभिन्न विशेषताएँ इस प्रकार हैं (क) संविदाकार, संपूर्ण संविदा अवधि के दौरान एक बिल अवधि से दूसरी बिल अवधि के बीच किए गए कार्य के मूल्य के बिल समय समय पर प्रस्तुत करते रहें,

(ख) भुगतान को उचित साबित करने के लिए नियोक्ता द्वारा इसी कार्य के लिए नियुक्तल किए गए परामर्शदाता अथवा पर्यवेक्षक द्वारा बिलों को प्रमाणित किया जाना चाहिए तथा (ग) यह कि आपूर्ति वस्तुओं के लिए हुंडी से भिन्न अन्य वस्तुओं के साथ संविदाकार द्वारा प्रस्तुत किए गए बिल उसके ऋण के निर्णायक सबूत नहीं होते बल्कि वे संविदा की भुगतान की शर्तों, जो विभिन्न गणना में जुर्माना अथवा समायोजना के लिए चीजों के साथ प्रदान की जाती हैं, के अधीन होंगे । इसमें विवाद की संभावना अधिक है। इसके अतिरिक्तप चूँकि संविदा में मूल्य वृद्‌धि, संविदाओं में परिवर्तन तथा अतिरिक्तथ संविदा आदि शामिल है, संविदा मूल्य स्वयं ही किए जानेवाले कार्य का अनुमान साबित हो सकता है। अतः संविदाकार के लिए यह आवश्यक है कि संविदाकार यह सुनिश्चित करे कि दोनों पक्षों के दायित्वों को स्पष्ट करने और संविदा के कार्यान्वयन के दौरान उत्पन्न विवादों के समाधान के लिए संविदा का स्पष्ट मसौदा तैयार करें । संविदाकारों को सूचित किया जाता है कि वे पेत्र्डरेशन इंटरनेशनल डू बेटीमेंट एट डेस ट्रॉवॉक्सर पब्लिक (एफ आईबी टी पी) के साथ संयुक्ते रूप से पेत्र्डरेशन इंटरनेशनल डेस इंजीनियर्स काउंसिल्स (एफ आईडी आइ सी) द्वारा तैयार की गई संविदा की मानक शर्तों (अंतर्राष्ट्रीय) का उपयोग करें ।

विनिर्माण कार्य पॉलिसी पर संरक्षित जोखिम कौन से हैं ?

ईसीजीसी की निर्माण कार्य पॉलिसी संविदाकार को निम्नलिखित जोखिमों के फलस्वरूप होने वाली हानि के 85% तक रक्षा प्रदान करने के लिए बनाई गई है ।

  • नियोक्ता का दिवालियापन (जब वह गैरसरकारी हस्ती हो)
  • नियोक्ता का संविदा की शर्तों के अधीन, जिसमें विवाचन पुरस्कार के रूप में देय राशि शामिल है, सहित संविदाकार को देय राशि का भुगतान करने में असफल होना,
  • नियोक्ता, द्वारा स्थानीय मुद्रा में भुगतान करने के पश्चात नियोक्ताक के देश से भारत को किए जानेवाले भुगतान अतरणों पर प्रतिबंध,
  • संविदाकार का युद्‌ध, क्रांति आदि के कारण संविदा के अंतर्गत देय राशि प्राप्त करने में असफल होना,
  • यदि संविदाकार कोई देय राशि, संविदा के असफल होने अथवा खंडित होने के कारण प्राप्त करने में असफल होता है तथा यह असफलता युद्‌ध, गृह युद्‌ध अथवा क्रांति आदि के फलस्वरूप देय राशि अथवा देय तिथि का पता न लगा सकने के कारण हो,
  • माल अथवा वस्तुओं (जो संविदाकार का सयंत्र अथवा उपकरण न हो) के आयातों पर प्रतिबंध लगाना अथवा इस प्रकार के माल के आयात करने के प्रतिबंध को रद्‌द किया जाना अथवा भारत में निर्यात लाईसेंस को रद्‌द किया जाना, ऐसे कारणों के लिए जो उनके नियंत्रण के बाहर हो तथा
  • भारत के बाहर समुद्री यात्रा में रुकावट या मार्ग परिवर्तन जिसके फलस्वरूप भारत से किए जाने वाले माल अथवा वस्तुओं के निर्यात के संबंध में अतिरिक्तत भाड़े या बीमा शुल्क की ऐसी अतिरिक्तव अदायगी जिसकी राशि खरीदार से वसूल नहीं की जा सकती।

हानि कवरेज:

85%

महत्वतपूर्ण दायित्व:

  • बोली चरण में ही संकेतक प्रीमियम दर प्राप्त करें।
  • संविदा मिलने पर एडी/डब्लूजी से मिलने के बाद का अनुमोदन प्राप्त करें।
  • सैद्धांतिक अनुमोदन प्राप्त करें।
  • पीईएम दिशा निर्देशों के अनुसार परियोजना की प्रगति के बारे में सूचित करें।
  • अतिदेय की घोषणा करें।
  • निर्धारित तारीख से 12 महीनों के भीतर दावा फाइल करें।
  • वसूली की हिस्सेदारी।

मुख्य विशेषताएँ:

  • कवर राजनीतिक या व्यापक जोखिमों के लिए होगा।
  • अवधारण भाग सहित कुल बीमा योग्य मूल्य के लिए कवर होगा।
  • तीसरे देश के लिए भी कवर होगा।
  • प्रीमियम का भुगतान किश्तों में किया जा सकता है।
  • प्रीमियम में समानुपाति कटौती के साथ कम हानि कवरेज।
  • अनेक एजेंसियों द्वारा निधिबद्ध परियोजनाओं के लिए कम प्रीमियम।